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ऑफ़िस में दिन भर आपकी वीडियोज़ सुनता हूँ तो लगता है चोरी कर रहा हूँ || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर

2019-11-23 3 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />11 अगस्त, 2019<br />अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नॉएडा<br /><br />प्रसंग:<br />कायेन मनसा बुद्धया केवलैरिन्द्रियैरपि ।<br />योगिनः कर्म कुर्वन्ति संग त्यक्त्वात्मशुद्धये ॥५.११||<br /><br />भावार्थ : कर्मयोगी ममत्वबुद्धिरहित केवल इन्द्रिय, मन, बुद्धि और शरीर द्वारा भी आसक्ति को त्याग कर अन्तःकरण की शुद्धि के लिए कर्म करते हैं॥<br /><br />कर्मयोगी का लक्ष्य क्या होना चाहिए?<br />क्या मालिक से गद्दारी नहीं करना चाहिए?<br />आचार्य जी का विडियो देखने में बाधा हो तो?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते

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